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कंप्यूटर की जानकारी हिंदी में Computer ki puri jankari hindi me

कंप्यूटर की जानकारी हिंदी में भाग 2-


आपको कंप्यूटर की जानकारी के बारे में भाग 1 में बताया जा चूका है कि कंप्यूटर का इतिहास , वर्गीकरण , कंप्यूटर की पीढ़ियां आदि आप आपने अगर भाग 1 नहीं देखा है तो आप नीचे दिए हुए लिंक पर क्लिक करके देख सकते हैं-


कंप्यूटर की जानकारी भाग 2 में हम जानेगें कंप्यूटर की संरचना , हार्डवेयर और साफ्टवेयर और कंप्यूटर मेमोरी आदि के बारे में हम इस पोस्ट में देखेगें-


कंप्यूटर की संरचना-

कंप्यूटर कई प्रकार के कलपुर्जो हार्डवेयर तथा प्रक्रिया सामाग्री सॉफ्टवेयर  के मिलने से बनता है। सभी कलपुर्जे आपस में मिलकर कंप्यूटर का ढांचा तैयार करते है।


तथा प्रक्रिया सामाग्री सॉफ्टवेयर प्रत्येक पुर्जे से कार्य करवाती है। कंप्यूटर के निर्माण में प्रमुख कलपुर्जे हार्डवेयर कुछ इस प्रकार है।

1. CPU-

CPU को कंप्यूटर का मष्तिष्क भी कहा जाता है। इसकी छमता किलोहर्ट्ज मेगाहर्ट्ज तथा गीगाहर्ट्ज इत्यादि में मापी जाती है। प्रोसेसर के कार्यप्रणाली को बिट के आधार आका जाता है। जैसे 8 बिट , 16 बिट , 32 बिट , 64 बिट आदि। एक प्रोसेसर  में जितने बिट होंगे उनके कार्य करने की छमता उतनी ही अधिक होगी।
 
2. RAM-

RAM कंप्यूटर की अस्थाई स्मृति होती है। ये कंप्यूटर के प्राथमिक संग्रहण उपकरण होते है। RAM का संपर्क CPU के साथ सीधा होता है।

किसी उपयोगकर्ता द्वारा भरी गई निर्देश या जानकारी ऑपरेटिंग सिस्टम से सर्वप्रथम RAM में आती है। उसके पश्चात CPU जरूरत के अनुसार किसी भी जानकारी को RAM से लेता है।


3. ROM-

कंप्यूटर को बनाते समय ही रॉम में डाटा डालकर कंप्यूटर के मदरबोर्ड पर स्थाई रूप से लगा दिया जाता है।इस चिप में ऐसे प्रोग्राम और डाटा रखे जाते है जिनकी जरूरत कंप्यूटर को चालू करने पर पड़ती है।

4. MOTHER BOARD-

ये एक प्रकार के सर्किट होते है जिसमे सभी पुर्जे आपस में जुड़े रहते है। मदरबोर्ड में  माइक्रोप्रोसेसर ,RAM, चिपसेट, ग्राफिक कंट्रोलर, अन्य इनपुट आउटपुट कंट्रोलर स्थापित किये रहते है।


5. POWER SUPPLY UNIT-

पॉवर सप्लाई यूनिट कंप्यूटर को उच्च व् निम्न वोल्टेज की गड़बड़ियों से बचाता है। इसे बिजली के पंखे द्वारा हवा देकर ठंडा किया जाता है। पंखा इसमें लगा रहता है।

6. SPEAKER-

स्पीकर का प्रयोग सिस्टम यूनिट के अंदर ध्वनि संकेत उतपन्न करने के लिए किया जाता है।

7. HDD-

हार्ड डिस्क कंप्यूटर की अस्थाई स्मृति होती है।
इनकी छमता RAM से अधिक होती है। ये बहुत सी जानकारियो को संग्रहण कर रखने में सछम होती है।  इनमे जो जानकारी रक्षित (SAVE) होती है वो  RAM की तरह बिद्युत प्रवाह बंद होने के साथ मिट नहीं जाते। बल्कि इनपर जो जानकारी स्थापित की जाती है वो हमेशा के लिए बनी रहती है। जबतक की उपयोगकर्ता द्वारा उसे मिटा न दिया जाय।

8- MONITOR-

कंप्यूटर मॉनिटर या डिस्प्ले जिसे दृश्य प्रदर्शन इकाई भी कहा जाता है। यह कंप्यूटर का प्रमुख आउटपुट डिवाइस है। इसके द्वारा प्रयोगकर्ता और कंप्यूटर के बिच में सम्बन्ध स्थापित होता है। इसके द्वारा कंप्यूटर में चल रहे कार्यो को देखा जाता है। पहले मॉनिटर का निर्माण कैथोड किरण नली से होता था। आज से समय में लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले  को मॉनिटरबनाने के लिए उपयोग में लाया जाता है।


9- MOUSE-

माउस कंप्यूटर की इनपुट डिवाइस  के रूप में जाना जाता है। माउस कंप्यूटर में प्रयोग होने वाला एक छोटा सा यंत्र है। यह CPU से जुड़ा रहता है।




10- KEYBOARD-

कुंजीपटल को हम कंप्यूटर के इनपुट डिवाइस के रूप में जानते है। जब हमें कंप्यूटर में कुछ लिखना होता है तो हम कीबोर्ड के द्वारा ही  कंप्यूटर में  लिख सकते है। को टाइपराइटर के कुंजियों में कुछ आवश्यक परिवर्तन करके बनाया गया है।



सॉफ्टवेयर-


सॉफ्टवेयर कंप्यूटर सिस्टम के कार्यों को नियंत्रित करता है। सॉफ्टवेयर कंप्यूटर के विभिन्न हार्डवेयर के बिच समन्यवय स्थापित करता है ताकि किसी कार्य को पूरा किया जा सके। सॉफ्टवेयर प्रोग्रामो नियम और क्रियाओं का समूह है। सफ्टवेयर वह निर्देश है जो हार्डवेयर से निर्धारित कार्य कराने के लिए उसे दिए जाते हैँ। हम यह कह सकते हैं की अगर हार्डवेयर इंजन है तो सॉफ्टवेयर उसका ईंधन।

सॉफ्टवेयर के विभिन्न प्रकार-

1. सिस्टम सॉफ्टवेयर
2. एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर
3. यूटिलिटी सॉफ्टवेयर


ऑपरेटिंग सिस्टम-

ऑपरेटिंग सिस्टम जिसे की हम सार्ट में OS के नाम से भी जानते हैं। इसे सिस्टम सॉफ्टवेयर भी कहा जाता है। ऑपरेटिंग सिस्टम यूजर और कंप्यूटर हार्डवेयर के बीच सम्बन्ध स्थापित करता है जिससे की हम कंप्यूटर पर कार्य कर सकें।

सही शब्दों में ऑपरेटिंग सिस्टम के बिना कंप्यूटर एक डब्बे के सामान है जिसपर हम कुछ भी नहीं  कर सकते हैं। ऑपरेटिंग सिस्टम ही वह जरिया है जिससे की हम अपनी बात कंप्यूटर हार्डवेयर तक पंहुचा सकते हैं या कोई कमांड दे पाते हैं।

जैसे की आप कंप्यूटर चलाते हैं तो ऑपरेटिंग सिस्टम ही हमे कंप्यूटर इस्तेमाल करने का जरिया देता है। आप कीबोर्ड पर कोई लेटर टाइप करके प्रिंटर द्वारा प्रिंट निकाल सकते हैं आप कोई गाना सुन सकते हैं आप कोई फाइल SAVE कर सकते हैं। आप अनेको काम कर सकते हैं जो की बिना ऑपरेटिंग सिस्टम के सम्भव नहीं है।


कंप्यूटर कार्य कैसे करता है या कंप्यूटर की कार्य प्रणाली-

1. कंप्यूटर के कार्य करने की तीन स्थिति है-

A-इनपुट।
B- प्रोसेसिंग।
C- आउटपुट।

A- इनपुट-

सबसे पहले आपका इनपुट आता है जिससे की हम डाटा को कंप्यूटर में भेजते हैं या इंटर करते हैं जैसे माउस , कीबोर्ड , स्कैनर आदि इनपुट डिवाइस द्वारा हम कंप्यूटर में डाटा भेजते हैं या कंप्यूटर को निर्देश देते हैं।

B-प्रोसेसिंग-

डाटा इनपुट साधनों के द्वारा भेजे जाने पर प्रोसेसर हमारे निर्देशों तथा प्रोग्रामो का पालन करके कार्य सम्पन्न करता है।

C- आउटपुट-

अब जब हमने इनपुट द्वारा कंप्यूटर को निर्देश दिया और प्रोसेसिंग द्वारा निर्देशों और प्रोग्रामों का कार्य सम्पन्न हो जाता है तो तीसरा ऑप्शन बचता है आउटपुट का। आउटपुट में हम अपने डाटा को प्रिंटर से निकाल सकते हैं या स्क्रीन पर देख सकते हैं।


कंप्यूटर की विशेषताये-


कंप्यूटर को संगणक भी कहा जाता है यानि बड़ी बड़ी गणनाएं करने में सछम पहले के कंप्यूटर द्वारा गणनाएं ही की जाती थी लेकिन आज के कंप्यूटर गणना के अलावा और भी बहुत से जटिल कार्य किया जाता है। यानि आज के समय में कंप्यूटर का इतना विकास हुआ है कि यह ऐसे ऐसे कार्य करता है जिससे की मानव का कार्य आसानी से हो जाता है।

1.वर्ड लेंथ-

कंप्यूटर जिसपर हम कार्य करते है वह केवल 0 और 1 की भाषा समझता है। यानि हमारा कंप्यूटर बाइनरी डिजिट पर कार्य करता है।

2.शुद्धता-

कंप्यूटर की एक विशेषता यह भी है कि यह बड़ी से बड़ी गड़नाएँ बड़ी शुद्धता के साथ करता है। अगर कही त्रुटि होती भी है तो हमारे डाटा एंटर करने में होती है क्योंकि कंप्यूटर वही प्रोसेस करके आपको उत्तर देता है जो डाटा आप इंटर करते हो।

3.स्वचलन-

कंप्यूटर को हम स्वचलन मशीन भी कहते हैं. क्योंकि डाटा एंटर करने के बाद यह खुद प्रोसेस करके उसका उत्तर देता है। और यह एक साथ कई कार्य करने में सछम है।

4.संचित युक्ति-

कंप्यूटर की अपनी मेमोरी होती है जिसमे हम अपने किये हुए कार्यों को संचित कर सकते हैं और जरूरत पड़ने पर हम देख भी सकते हैं। इससे हमारा बहुत सारा कार्य हो जाता है।

5.बिना किसी रुकावट के कार्य करना-

कंप्यूटर की एक खास विशेषता यह भी है कि यह बिना रुके और बिना थके कार्य करता है। मानव अगर लगातार कुछ घण्टों तक कार्य कर ले तो उसे थकान होती है और आराम की जरुरत महसूस होती है। लेकिन कंप्यूटर और लगातार कार्य कर सकते हैं।


""कंप्यूटर की जानकारी भाग 1 और भाग 2 में मैंने पूरी कोशिश की है कि आपको कंप्यूटर के बारे में बेसिक जानकारी अच्छे से समझ आये अगर आपको हमारी पोस्ट पसन्द आयी हो तो आप नीचे दिए हुए  फेसबूक लिंक पर क्लिक करके हमारा फेसबुक पेज लाइक करे और हमसे फेसबुक पर जुड़ें ताकि हम अपने नई पोस्ट आपतक जल्द पहुँचा सकें""



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